FACTS ABOUT HINDI KAHANI REVEALED

Facts About hindi kahani Revealed

Facts About hindi kahani Revealed

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hindi kahani

बच्चों की प्यारी गोरैया चिड़िया। यह सबके घर में प्यार से रहती है। जो दाना-पानी देता है, उसके घर तो मस्ती से रहती है। कूलर के पीछे चुनमुन का घोंसला है। उसके तीन बच्चे है , यह अभी उड़ना नहीं जानते।

मोरल – स्वयं की सतर्कता से बड़ी-बड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है।

This proved to be a very good post for my youngsters since they appreciated it Once i advised these tales and they're insisting on hearing a lot more tales now. That’s why that you are asked for to put a lot more tales here at the same time.

राजा ने तीनों बेटों को अलग-अलग दिशाओं में भेजा। उसने हर बेटे को सोने का एक-एक सिक्का देते हुए कहा, कि वे इसे ऐसी चीज खरीदें, जो पुराने महल को भर दे।

संत ने बिच्छू को फिर अपने हाथ से निकाला। बिच्छू ने संत को फिर डंक मारा।

बिहार की वो सीट, जहाँ जेडीयू के दिग्गज नेता के सामने हैं एक 'बाहुबली' की बीवी

मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।

पास ही वैद्यराज का घर था। वह संत को देख रहे थे। वैद्यराज दौड़ते हुए आए। उन्होंने बिच्छू को एक डंडे के सहारे दूर फेंक दिया।

कन्हैया कुमार को कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में मनोज तिवारी के ख़िलाफ़ क्यों चुना?- प्रेस रिव्यू

कालिया से पूरा गली परेशान था। गली से निकलने वाले लोगों को कभी भों भों करके डराता। कभी काटने दौड़ता था। डर से बच्चों ने उस गली में अकेले जाना छोड़ दिया था।

बुरे काम का बुरा ही नतीजा होता है बुरे कामों से बचना चाहिए।

दोनों भाई खेलने लगे, इसको देकर उसकी मां बहुत खुश हुई।

मनोरम नामक वन में एक बहुत ही सुंदर बड़ा सा तालाब था। तालाब चारों ओर से सुंदर-सुंदर वृक्षों वह फूल-पौधों से घिरा हुआ था। तालाब के भीतर मखाने वह सिंघाड़े के पौधे लगे हुए थे। तलाब में सदैव पानी की मात्रा बनी रहती थी, क्योंकि उसके निकट से एक स्वच्छ कल-कल धारा वाली नदी प्रवाहित होती थी। एक समय की बात है दो मछुआरे मनोरम वन में विश्राम कर रहे थे, तभी उन्होंने देखा उस तालाब में खूब सारी मछलियां उपलब्ध है।

'क्यों बिरजू की माँ, नाच देखने नहीं जाएगी क्या?' बिरजू की माँ शकरकंद उबाल कर बैठी मन-ही-मन कुढ़ रही थी अपने आँगन में। सात साल का लड़का बिरजू शकरकंद के बदले तमाचे खा कर आँगन में लोट-पोट कर सारी देह में मिट्टी मल रहा था। चंपिया के सिर भी चुड़ैल मँडरा फणीश्वरनाथ रेणु

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